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Devi Asthgandh

devi asthgandh

देवी अष्टगंध


कलिका पुराण के अनुसार
कुंकुमागुरुकस्तूरी चंद्रभागैः समीकृतैः |
त्रिपुरप्रीतिदो गंधस्तथा चण्डाश्च शम्भुना ||


1. कुमकुम
2. अगुरु
3. कस्तूरी
4. चंद्रभाग
5. त्रिपुरा
6. गोरोचन
7. तमाल
8. जल


उपरोक्त सभी सामग्रियों को समभाग में मिला ने से जो अष्टगंध का निर्माण होता है, यह अष्टगंध शैव (शिव उपासक) व शाक्त (देवी उपासक) दोनों सम्प्रदायों को अति प्रिय होता है | इस अष्टगंध को देवी अष्टगंध भी कहा जाता है |

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ज्योतिषाचार्य अमित बहोरे

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