चाक्षुषोपनिषद
- 27 July 2016
राहु के पंचम भाव में होने से प्रेम सम्बन्ध तो बनेगा पर इसका आधार मजबूत नहीं होगा कहीं ना कहीं इस प्रेम में प्रेम कम और स्वार्थ जायदा होने की सम्भावना है |
सप्तम भाव में बैठ के शनि जीवनसाथी से तालमेल बिगाड़ सकता है, इसलिए सावधान रहे |
जीवनसाथी का नाराज होना आपके लिए अच्छा नहीं है |
जायदा भागम भाग के कारण आप घर परिवार के सदस्यों को समय देने में असमर्थ हो सकते हैं जिस से घर का माहौल ख़राब हो सकता है |
पारिवारिक सदस्य या पारिवारिक मित्र आशा अनुरूप सहायता नहीं करेगा जिस से आप दुखी हो सकते है | संयम और समझदारी से काम लेना उपयुक्त रहेगा |
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