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Vrishcik Remedy

 

astrologer amti vrischik

वृश्चिक- तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू
 

मंगलवार को उपवास रखें।

हनुमान जी को सिंदूर और चोला चढ़ाएं।

शहद, सिंदूर और मसूर की दाल नदी में प्रवाहित करें

तंदूर की मीठी रोटी बनाकर गरीबों को खिलाएं।

पीपल व कीकर के वृक्ष ना काटें।

तंदूर की रोटी ना खाएं।

किसी से मुफ्त का माल ना लें।

भाभी की सेवा करें।

बड़े भाई की अवहेलना ना करें।

लाल रुमाल का प्रयोग करें।

मृग व हिरण पालें।

दूध उबलकर जलने ना पाये।

अलग-अलग मिट्टी के बर्तनों में शहद और सिंदूर रखकर घर में स्थापित करें।

प्रातःकाल शहद का सेवन करें।

बड़ों की सेवा करें। 

शुद्ध चांदी के बर्तन में भोजन करें।

घर में लाल रंग का प्रयोग अवश्य करें।

गुड़, चीनी या खांड़ चीटिंयों को डालें।

लाल गुलाव दरिया में प्रवाहित करें।

धर्म स्थान में जाकर बूंदी या लड़डू का प्रसाद चढ़ाकर बांटें।

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